नमस्कार मित्रो, हर हर महादेव
दोस्तों मनुष्योंके जीवन में कभी सुख आता है तो कभी दुःख | हम सुख में या दुःख में कैसा बर्ताव करते है उससे हमारा आने वाला पल माता लक्ष्मी और अलक्ष्मी हमें प्रदान कराती है |
माता लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए लोग न जाने कितने प्रयास करते हैं ,कभी माता लक्ष्मी की तस्वीर के सामने दीपक जलाना, तो कभी उनकी श्रद्धा भाव से पूजा करना। यूं कहा जाए कि धन की देवी माता लक्ष्मी की लीलाओं से सभी अवगत हैं और उन्हें प्रसन्न करने के उपाय भी सभी जानते हैं। लेकिन क्या आपने माता लक्ष्मी की बड़ी बहन अलक्ष्मी के बारे में कभी सुना है ? कहते की माता लक्ष्मी आते समय अच्छी लगाती है और माता अलक्ष्मी जाते समय अच्छी लगाती हैं | आज के ब्लॉग में हम जानेंगे माता अलक्ष्मी की जन्म कथा और उनका वास कहा होता है|
नमस्कार मित्रो, में हूँ आकाश और आपका सभीका स्वागत है द सनातनी टेल्स में
माता लक्ष्मी की एक बड़ी बहन हैं जिसका नाम है माता अलक्ष्मी। जहां माता लक्ष्मी धन की देवी मानी जाती हैं, वहीं माता अलक्ष्मी गरीबी और दरिद्रता की और संकेत करती हैं। शास्त्रों के अनुसार माता अलक्ष्मी को दुर्भाग्य की देवी कहा जाता है इसलिए किसी भी घर में इनकी तस्वीर नहीं लगाई जाती है। हिंदू धर्म के भागवत महापुराण में माता लक्ष्मी की बड़ी बहन माता अलक्ष्मी की जिक्र किया गया है। मान्यता है कि जहां माता अलक्ष्मी वास करती हैं, वहां अशुभ घटनाएं, पाप, आलस, गरीबी, दुख और बीमारियां निरंतर बनी रहती हैं इसलिए इन्हें दुर्भाग्य की देवी भी माना जाता है।
चलिए जानते है माता अलक्ष्मी की जन्म कथा|
भागवत महापुराण के अनुसार, समुद्र मंथन में 14 रत्न निकले थे और उसी में माता लक्ष्मी भी निकली थीं। लेकिन माता लक्ष्मी के अवतरण से पूर्व माता अलक्ष्मी समुद्र मंथन से बाहर निकली थीं। समुद्र से निकलने के बाद माता लक्ष्मी ने भगवान विष्णु का चयन किया जबकि माता अलक्ष्मी ने आसुरी शक्तियों की शरण ली। यही वजह है कि उन्हें 14 रत्नों में गिना नहीं जाता है। मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन से निकलने के कारण उन्हें माता लक्ष्मी की बड़ी बहन कहा जाता है। ऐसी भी कहानी है कि माता अलक्ष्मी समुद्र से मदिरा लेकर निकली थीं इसलिए भगवान विष्णु की अनुमति से उन्हें राक्षसों को दे दिया गया था।
चलिए जानते है माता अलक्ष्मी का वास कहा होता है |
1. रसोई घर में झूठे बर्तन
जिन घरों में खाना बनाए और खाए जाने के बाद भी रात भर झूठे बर्तन रखे रहते हैं, वहां कभी बरकत नहीं आती. क्योंकि रसोई घर में माता लक्ष्मी के रूप मां अन्नपूर्णा का वास होता है, जिसके कारण माता अन्नपूर्णा रुष्ट हो जाती हैं और ऐसे व्यक्ति के घर में धान्य यानी अन्न की कमी बनी ही रहती है.
२ . संध्या काल झाड़ू लगाना
जिन घरों में सूर्यास्त के समय झाड़ू लगाई जाती है, वहां माता लक्ष्मी का प्रवेश नहीं होता. क्योकि माता लक्ष्मी के घर में प्रवेश करने का शुभ समय शाम का ही माना गया है. ऐसे में माता लक्ष्मी रुष्ठ हो जाती हैं और घर में धन संबंधी तंगी आने लगती है. इसलिए शाम को झाड़ू कभी नहीं करना चाहिए. यदि झाड़ू लगाना आवश्यक हो तो कचरे को दूसरे दिन सुबह बाहर निकालना चाहिए.
३ . पैसों की फिजूलखर्ची
जिन घरों में पैसों की फिजूलखर्ची की जाती है. पैसों का उपयोग अनावश्यक तरीके से किया जाता है, वहां हमेशा कर्ज बना रहता है. साथ ही जो लोग अपने विपरीत समय के लिए धन का संचय नहीं करते, वे माता लक्ष्मी का अनादर करते हैं. ऐसे में माता की दया दृष्टि उन पर नहीं पड़ती और एक दिन वह कर्ज के दल-दल में फंस जाते हैं.
४ . दुराचारी व्यक्ति के यहां बरकत नहीं
जो व्यक्ति अपने बड़े बुजुर्गों, माता-पिता अन्य समाज में लोगों के साथ सही व्यवहार नहीं रखते, उसके घर में भी मां लक्ष्मी का वास कभी नहीं होता. जिस घर में मां-पिता का सम्मान नहीं होता, जहां अतिथि का अनादर हो, जहां स्त्रियों का सम्मान न हो वहां भी लक्ष्मी का वास नहीं होता.
५ . आलस्य से दूर होती है कृपा
जो लोग दिन-रात अपने कामों को छोड़ घर में पड़े रहते हैं, उनके ऊपर माता लक्ष्मी की कृपा नहीं होती. जो लोग सुबह देर तक सोते हैं या देर रात्रि तक बिना काम के जागते हैं, उनके यहां भी दारिद्रता का वास होता है. माना जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त में नहीं उठने से श्री की हानि होती है, श्री अर्थात मां लक्ष्मी.
६ नीम्बू और मिर्च न लगाए जाना
अक्सर घरों या दुकानों के बाहर नीम्बू और मिर्च लगाए जाते हैं , ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से किसी की नज़र नहीं लगती है और सारे काम सफल होते हैं। लेकिन पुराणों के अनुसार इसका मुख्य कारण है कि माता अलक्ष्मी को तीखी व खट्टी चीजें पसंद हैं इसलिए घर-दुकान के बाहर नींबू-मिर्ची टांगे जाते हैं, ताकि वो घर के बाहर से चली जाएं और उनके प्रभाव से घर को बचाया जा सके।
७ . पीपल के पेड़ को घर में लगाना
हिंदू धर्म में पूज्यनीय होने के बावजूद भी पीपल के पेड़ को घर में लगाना अशुभ माना जाता है क्योंकि दिन के एक पहर इस पर माता अलक्ष्मी वास करती हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, पीपल के पेड़ पर देवी लक्ष्मी दिन तो माता अलक्ष्मी रात के समय रहती हैं। यही वजह है कि रात के समय पीपल के पेड़ पास जाने की मनाही होती है। यह भी मान्यता है कि रात के समय पीपल के पेड़ के पास जाने से घर में अलक्ष्मी का डेरा हो जाता है।
८. अधिक क्रोधित रहना
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो लोग अधिक क्रोधित होते हैं और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं, इन लोगों के घर में मां लक्ष्मी का वास नहीं होता है। साथ ही घर में मौजूद नकारात्मकता के कारण मां लक्ष्मी नाराज होकर चली जाती हैं
९. श्राद्ध नहीं किया जाना
जिन घरों में पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध नहीं किया जाता है, वहां मां लक्ष्मी का वास नहीं होता है।
तो मित्रो ये थी माता अलक्ष्मी जी की कहानी | आज के ब्लॉग में बस इतना ही उम्मीद हैं की आपको ब्लॉग अच्छा लगा होगा | अगर आपको ये ब्लॉग अच्छा लगा तो लाइक और शेयर जरूर करे | आप इसका वीडियो यूट्यूब या फेसबुक पर देख सकते है | अगर आप वीडियो Youtube पर देख रहे हो तो channel को Subscribe कीजिये और Facebook पर देख रहे हो तो पेज को फॉलो जरूर करे| इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद |
हर हर महादेव
Disclaimer
यहां सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है | यहां यह बताना जरूरी है कि The Sanatani Tales किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें |