Kashyap Rishi | ऋषि कश्यप का कुल

Kashyap Rishi | ऋषि कश्यप का कुल

हमारे प्राचीन ग्रंथो और पुराणोमे ऋषि कश्यप जी का नाम बार बार हमें मिलता हैं | ये एक वैदिक ऋषि थे तथा इनकी गणना सप्तर्षियों में की जाती थी। हिन्दू धर्मग्रंथों की मान्यता है कि ऋषि कश्यप के वंशजों ने ही मानव सृष्टि का प्रसार किया। कुछ हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार पृथ्वीलोक पर निवास करने वाले समस्त जीवधारियों की उत्पत्ति कश्यप ऋषि से हुई।

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आज के ब्लॉग में हम ऋषि कश्यप जी के बारे में जानेंगे |

ऋषि कश्यप कौन थे?

ब्रह्माजी के मानस पुत्रों में से एक मरीचि थे जिन्होंने अपनी इच्छा से कश्यप नामक प्रजापति पुत्र उत्पन्न किया। इनकी माता का नाम “कला” था | कश्यप ऋषि का आश्रम मेरु पर्वत के शिखर पर था, जहां वे परब्रह्म परमात्मा के ध्यान मे लिन रहते थे।
ऋषि कश्यप को ऋषि-मुनियों में श्रेष्ठ माना गया हैं। पुराणों अनुसार हम सभी उन्हीं की संतानें हैं।

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ऋषि कश्यप का विवाह

पुराणों के अनुसार सृष्टि की रचना भगवन ब्रम्हा जी ने की थी ब्रह्माजी से दक्ष प्रजापति का जन्म हुआ। ब्रह्माजी के निवेदन पर दक्ष प्रजापति ने अपनी पत्नी असिक्नी के गर्भ से 66 कन्याएं पैदा की। इन कन्याओं में से 13 कन्याएं ऋषि कश्यप की पत्नियां बनीं। इस प्रकार ऋषि कश्यप की अदिति, दिति, दनु, काष्ठा, अरिष्टा, सुरसा, इला, मुनि, क्रोधवशा, ताम्रा, सुरभि, सुरसा, तिमि, विनता, कद्रू, पतांगी और यामिनी आदि पत्नियां बनीं।

ऋषि कश्यप की प्रमुख पत्नियां और उनकी संतानें :

१) रानी अदिति

पुराणों के अनुसार कश्यप ने अपनी पत्नी अदिति के गर्भ से बारह आदित्यों को जन्म दिया, जिनमें भगवान नारायण का वामन अवतार भी शामिल था। माना जाता है कि चाक्षुष मन्वन्तर काल में तुषित नामक बारह श्रेष्ठगणों ने बारह आदित्यों के रूप में जन्म लिया, जो कि इस प्रकार थे- विवस्वान्, अर्यमा, पूषा, त्वष्टा, सविता, भग, धाता, विधाता, वरुण, मित्र, इंद्र और त्रिविक्रम

२) रानी दिति

कश्यप ऋषि ने दिति के गर्भ से हिरण्यकश्यप और हिरण्याक्ष नामक दो पुत्र एवं नामक एक पुत्री को जन्म दिया। श्रीमद्भागवत् के अनुसार इन तीन संतानों के अलावा दिति के गर्भ से कश्यप के 49 अन्य पुत्रों का जन्म भी हुआ, जो कि मरुन्दण कहलाए। कश्यप के ये पुत्र निसंतान रहे। जबकि हिरण्यकश्यप के चार पुत्र थे- अनुहल्लाद, हल्लाद, भक्त प्रह्लाद और संहल्लाद।

३) रानी दनु

ऋषि कश्यप को उनकी पत्नी दनु के गर्भ से द्विमुर्धा, शम्बर, अरिष्ट, हयग्रीव, विभावसु, अरुण, अनुतापन, धूम्रकेश, विरूपाक्ष, दुर्जय, अयोमुख, शंकुशिरा, कपिल, शंकर, एकचक्र, महाबाहु, तारक, महाबल, स्वर्भानु, वृषपर्वा, महाबली पुलोम और विप्रचिति आदि 61 महान पुत्रों की प्राप्ति हुई।

४) रानी विनता

रानी विनता के गर्भ से गरुड़ (विष्णु का वाहन) और वरुण (सूर्य का सारथि) पैदा हुए।

५) रानी कद्रू

कद्रू की कोख से बहुत से नागों की उत्पत्ति हुई, जिनमें प्रमुख आठ नाग थे-अनंत (शेष), वासुकी, तक्षक, कर्कोटक, पद्म, महापद्म, शंख और कुलिक।

६) रानी काष्ठा

रानी काष्ठा से घोड़े आदि एक खुर वाले पशु उत्पन्न हुए।

७) रानी अरिष्टा

पत्नी अरिष्टा से गंधर्व पैदा हुए।

८) रानी सुरसा

सुरसा नामक रानी से यातुधान (राक्षस) उत्पन्न हुए।

९) रानी इला

इला नामक रानी से वृक्ष, लता आदि पृथ्वी पर उत्पन्न होने वाली वनस्पतियों का जन्म हुआ।

१०) रानी मुनि

मुनि नामक रानी के गर्भ से अप्सराएँ जन्मीं।

ऋषि कश्यप की अन्य पत्नियां और उनकी संतानें :

११) रानी क्रोधवशा नामक रानी ने साँप, बिच्छु आदि विषैले जन्तु पैदा किए।

१२) रानी ताम्रा नामक रानी ने बाज, गिद्ध आदि शिकारी पक्षियों को अपनी संतान के रूप में जन्म दिया।

१३) रानी सुरभि नामक रानी ने भैंस, गाय तथा दो खुर वाले पशुओं की उत्पत्ति की।

१४) रानी सरसा नामक रानी ने बाघ आदि हिंसक जीवों को पैदा किया।

१५) रानी तिमि नामक रानी ने जलचर जन्तुओं को अपनी संतान के रूप में उत्पन्न किया।

१६) रानी पतंगी से पक्षियों का जन्म हुआ।

१७) रानी यामिनी के गर्भ से शलभों (पतंगों) का जन्म हुआ।

तो ये थे ऋषि कश्यप जी के बारे में कहानी | आज के ब्लॉग में बस इतना ही उम्मीद हैं की आपको ब्लॉग अच्छा लगा होगा | तो मित्रो आज के ब्लॉग में बस इतना ही उम्मीद है की आपको ब्लॉग अच्छा लगा होगा अगर आपको ये ब्लॉग अच्छा लगा तो लाइक और शेयर जरूर करे | आप इसका वीडियो यूट्यूब या फेसबुक पर देख सकते है | अगर आप वीडियो Youtube पर देख रहे हो तो channel को Subscribe कीजिये और Facebook पर देख रहे हो तो पेज को फॉलो जरूर करे| इस वीडियो को अंत तक देखने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद |

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