भगवान शिव हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय और पूजे जाने वाले देवताओं में से एक हैं। भगवान शिव सृष्टि के संहारकर्ता हैं। भगवान रुद्र साक्षात महाकाल हैं। सृष्टि के अंत का कार्य इन्हीं के हाथों है। सारे देव, दानव, मानव, किन्नर शिव की आराधना करते हैं। मानव के जीवन में जो कष्ट आते हैं, किसी न किसी पाप ग्रह के कारण होते हैं। भगवान शिव को सरल तरीके से मनाया जा सकता है। शिव को मोहने वाली अर्थात शिव को प्रसन्न करने वाली शक्ति ‘गायत्री’ (गायत्री मंत्र) है जो महाकाली भी कहलाती हैं। शिव गायत्री मंत्र का पाठ अत्यंत ही सरल और महाफलदायक है।
शिव गायत्री मंत्र क्या है इसे कब जाप करना जाहिए और इसके फायदे तथा लाभ क्या होता है, जानेंगे इस वीडियो में | नमस्कार दोस्तों , में हु आकाश और आप सभी का स्वागत है The Sanatani Tales में |
ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।
गायत्री मंत्र शिव का शक्तिशाली पूजा मंत्र है। शिव गायत्री मंत्र का जाप सरल और शुभफलदायी है। इस मंत्र का विशेष विधि-विधान नहीं है। इस मंत्र को किसी भी सोमवार से प्रारंभ कर सकते हैं। इसी के साथ सोमवार का व्रत करें तो श्रेष्ठ परिणाम प्राप्त होंगे।
यह मंत्र अति सरल तरीके से श्रावण के सोमवार में खासकर जाप किया जाता है। इसके जाप के लिए उपवास रखते हुए सामने घी का दीपक जलाना चाहिए। जब भी यह मंत्र करें एकाग्रचित्त होकर करें, पितृदोष, एवं कालसर्प दोष वाले व्यक्ति को यह मंत्र प्रतिदिन करना चाहिए। सामान्य व्यक्ति भी करे तो भविष्य में कष्ट नहीं आएगा। इस जाप से मानसिक शांति, यश, समृद्धि, कीर्ति प्राप्त होती है। शिव की कृपा का प्रसाद मिलता है।
शिव गायत्री मंत्र का जाप अकाल मृत्यु से बचाता है। यह मंत्र उन लोगों को भी राहत देता है जिनकी कुंडली में काल सर्पयोग, राहु-केतु, शनि पीड़ा आदि हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन काल में इस महामंत्र का जप अवश्य करना चाहिए। इसके जाप से मानसिक शांति, प्रसिद्धि और समृद्धि मिलती है।
श्री शिव गायत्री मन्त्र का पाठ कैसे करें?
- श्री शिव गायत्री मन्त्र ( Shri Shiv Gayatri Mantra ) के पाठ के लिए सोमवार का दिन सबसे अच्छा होता है.
- वैसे आप किसी भी दिन शिव गायत्री मन्त्र का पाठ कर सकतें हैं.
- सावन के महीने में श्री शिव गायत्री मन्त्र का पाठ करने से इसका बहुत ही अच्छा शुभ फल प्राप्त होता है.
- प्रातः काल और संध्या काल का समय श्री शिव गायत्री मन्त्र के पाठ के लिए उचित होता है.
- सम्पूर्ण रूप से पवित्र होकर ही श्री शिव गायत्री मन्त्र का पाठ करें.
- महादेव शिव के शिवलिंग या फिर तस्वीर के पास बैठकर शिव गायत्री मन्त्र का पाठ करें.
- आप 21 बार या फिर 108 बार शिव गायत्री मन्त्र का पाठ कर सकतें हैं.
- श्री शिव गायत्री मन्त्र के पाठ करते समय अपना सम्पूर्ण ध्यान महादेव शिव पर ही लगाए रखें.
श्री शिव गायत्री मन्त्र से लाभ
- शिव गायत्री मन्त्र के पाठ से मनुष्य को भगवान् शिव की कृपा की प्राप्ति होती है.
- इस मन्त्र के नियमपूर्वक जाप करने से मनुष्य को रोगों और कष्टों से मुक्ति मिलती है.
- जो कोई नियमानुसार श्री शिव गायत्री मन्त्र का पाठ करता है उसकी अकाल मृत्यु नहीं हो ती है.
- जीवन में सफलता की प्राप्ति इस श्री शिव गायत्री मन्त्र के श्रद्धा पूर्वक रोजाना पाठ करने से होती है.
- दुःख और दारिद्र्ता का नाश होता है.
- जीवन में सुख और शान्ति आती है.
इसके अलावा भी अन्य बहुत सारे लाभ प्राप्त होतें हैं. जिन सबका वर्णन करना हमारे वश में नहीं है. क्योंकि शिव जी की कृपा जिस पर हो उसे शिव क्या प्रदान करेंगे यह कोई भी नहीं बता सकता. जय शिव शंकर.
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