आपने गायत्री मंत्र को काफी बार सुना या जाप किया होगा. लेकिन क्या आप जाणते है कि इसके फायदे क्या है? दोस्तो आज के ब्लॉग में हम जानेंगे कि गायत्री मंत्र क्या हे , उसके फायदे और गायत्री मंत्र को कब जाप कारण चाहिये
माता गायत्री की प्रसन्नता के लिए गायत्री मंत्र का जाप किया जाता है। इस मंत्र को सर्वश्रेष्ठ मंत्रों में से एक माना जाता है।
- वेदों में गायत्री मंत्र का विस्तार पूर्वक से वर्णन किया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गायत्री मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मन के दुख, द्वेष, पाप, भय, शोक जैसे नकारात्मक चीजों का अंत हो जाता है। इस मंत्र के जाप से मनुष्य मानसिक तौर पर जागृत हो जाता है। साथ ही कहा जाता है कि इस मंत्र में इतनी ऊर्जा है कि नियमित रूप से तीन बार इसका जाप करने से सारी नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं। रोजाना तीन बार गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।
- वेदों की कुल संख्या चार है और चारों वेदों में गायत्री मंत्र का उल्लेख किया गया है। इस मंत्र के ऋषि विश्वामित्र हैं और देवता सवितृ हैं।
- दोस्तो वेदोके के बारेमें हमने एक अलग वीडियो बनाया है , प्लीज आप उसको एक बार जरुर देखना | उसकी लिंक आपको डिस्क्रिप्शन बॉक्स में मिलेगी और आई बटन पर मिल जाएगी
- गायत्री मंत्र में चौबीस अक्षर होते हैं। यह चौबीस अक्षर चौबीस शक्तियों-सिद्धियों के प्रतीक हैं। यही कारण है कि ऋषियों ने गायत्री मंत्र को भौतिक जगत में सभी प्रकार की मनोकामना को पूर्ण करने वाला मंत्र बताया है।
गायत्री मंत्र जाप का समय होता है |
गायत्री मंत्र के जाप का तीन समय है।
- पहला समय है सूर्योदय से ठीक पहले, जिसे सूर्योदय के बाद तक करना चाहिए।
- दूसरा समय है दोपहर का।
- तीसरा समय है सूर्यास्त से ठीक पहले और सूर्यास्त के बाद तक करना चाहिए।
गायत्री मंत्र जाप के फायदे होते है
- धार्मिक मान्यता है कि विद्यार्थियों के लिए गायत्री मंत्र बहुत लाभदायक है। मान्यता है कि रोजाना इस मंत्र का 108 बार जाप करने से विद्यार्थी को सभी प्रकार की विद्या प्राप्त करने में आसानी होती है। पढ़ाई में मन लगने लगता है और एक बार में ही पढ़ा हुआ सब याद हो जाता है।
- कहा जाता है कि गायत्री मंत्र के जाप से दुख और दरिद्रता का नाश होता है और संतान की प्राप्ति होती है
- शिव गायत्री मंत्र का जाप करने से पितृदोष, कालसर्प दोष, राहु-केतु तथा शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। शिव गायत्री मंत्र: ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।
- जो भी जातक गायत्री मंत्र का नियमित रूप से जाप करता है, उसकी त्वचा में स्वतः ही चमक आने लगती है। साथ ही क्रोध शांत होता है और दिव्य ज्ञान की प्राप्ति होती
- नारियल का बुरा और घी का हवन गायत्री मंत्र के साथ करने से शत्रुओं का नाश होता है।
Disclaimer
यहां सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है | यहां यह बताना जरूरी है कि The Sanatani Tales किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें |