भगवान श्री राम नवमी कब और क्यों मनाते है

भगवान श्री राम नवमी कब और क्यों मनाते है

हरसाल हम श्री रामजी की रामनवमी बड़ेही उत्साह में मनाते है | हिन्दु धर्म शास्त्रों के अनुसार त्रेतायुग में रावण का वध करने तथा धर्म की पुन: स्थापना करने के लिये भगवान विष्णु ने मृत्यु लोक में श्री राम के रूप में अवतार लिया था | हम भगवान श्री राम नवमी कब और क्यों मनाते है ? जानेंगे इस ब्लॉग में | नमस्कार दोस्तों , में हु आकाश और आप सभी का स्वागत है The Sanatani Tales में |

शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि भगवान विष्णु ने सातवे अवतार में भगवान श्री राम के रूप में त्रेतायुग में जन्म लिया था। भगवान श्री राम का जन्म रावण के अत्याचारों को खत्म करने एवं पृथ्वी से दुष्टों को खत्म कर नए धर्म स्थापना के लिए हुआ था।

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान राम और उनके भाईयों के जन्‍म को लेकर एक पौराणिक कथा है। राजा दशरथ के अनुसार तीनों रानियों कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी में से तीनों को जब पुत्र की प्राप्ति नहीं हुई थी तो राजा दशरथ ने यज्ञ करवाया। प्रसाद में यज्ञ से निकली खीर को तीनों रानियों को खिला दिया गया था फिर कुछ समय बाद राजा दशरथ के घर में खुशखबरी सुनने को मिली यानी तीनों रानियों ने गर्भधारण किया था ।

चैत्र शुक्ल नवमी के दिन कौशल्या माता ने भगवान श्री राम जी को , कैकेयी ने भरत जी को और सुमित्रा ने लक्ष्मण जी को और शत्रुघ्न जी को को जन्‍म दिया | हिंदू धर्मशास्त्रों में इस बात का जिक्र है कि चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन मर्यादा-पुरूषोत्तम भगवान श्री राम का जन्म हुआ था| इसीलिये भगवान श्री राम के जन्मोत्सव के रूप में रामनवमी मनाई जाता है। शास्त्रों के अनुसार यह भी माना जाता है कि भगवान राम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए मां दुर्गा की उपासना की थी। चैत्र मास की नवरात्रि के समापन के बाद ही राम नवमी का पर्व आता है।

आपको बता दें कि इसी शुभ मौके पर गोस्‍वामी तुलसीदास ने महाकाव्य रामचरितमानस की शुरू की थी। इस कारण से भी अयोध्या नगर वासियों के लिए इस दिन का विशेष महत्व होता है और वह इस दिन को बहुत शुभ भी मानते हैं।

राम राम जपने से मन को शांति मिलती है और व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है। राम नाम का जप बहुत ही पुण्यदायी माना जाता है और इससे व्यक्ति को ध्यान लगाने में मदद मिलती है। राम नाम जप से मन का अधिकार और शक्ति बढ़ती है जो व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाती है।

राम राम जपने से संसार में उत्पन्न सभी पापों से छुटकारा मिलता है और व्यक्ति का मानसिक विकास होता है। राम राम जपने से चित्त शुद्ध होता है और व्यक्ति को सकारात्मक सोचने की क्षमता प्राप्त होती है।

इसके अलावा, राम राम जप करने से स्वास्थ्य का भी लाभ मिलता है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है, चिंता और तनाव को कम करता है, मस्तिष्क को ताकत प्रदान करता है और नींद को भी बेहतर बनाता है।

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