अक्षय तृतीया क्यों मनाई जाती | Why is Akshaya Tritiya prohibited?

अक्षय तृतीया क्यों मनाई जाती | Why is Akshaya Tritiya prohibited?

हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया की तिथि बहुत ही शुभ और मंगलकारी मानी गई है। अक्षय तृतीया का पावन पर्व प्रतिवर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित पूरे उत्तर भारत में मनाया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में इसे आखातीज या अक्खा तीज कहते हैं। पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है।[1] इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है।आखिर Akshaya Tritiya का त्योहार क्यों मनाया जाता है। हिंदू शास्त्रों और धर्म ग्रंथों में इसके अलग-अलग अवसरों पर अलग-अलग कारण बताए गए हैं। हमारे सनातन धर्म में ७ पौराणिक कथाओं वर्णन मिलता है | तो आखिर Akshaya Tritiya का त्योहार क्यों मनाया जाता है जानेंगे इस ब्लॉग में |

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१) ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था. इस दिन अक्षय तृतीया के साथ भगवन परशुराम जी की जंयती भी मनाई जाती है. और साथ ही भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है।

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२) मान्यता है कि इसी दिन मां गंगा स्वर्ग से विदा होकर धरती पर आई थीं। गंगा को धरती पर उतारने के लिए राजा भगीरथ ने हजारों वर्षों तक तपस्या की थी। इस दिन विशेष रूप से पवित्र गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य के सभी दुराचार नष्ट हो जाते हैं।

३) अक्षय तृतीया के दिन मां अन्नपूर्णा का जन्मदिन भी मनाया जाता है। गरीबों को खाना खिलाया जाता है। इसलिए इस दिन रसोई घर और अनाज की पूजा करनी चाहिए.

४) अक्षय तृतीया के दिन से ही महर्षी वेद व्यास जी और भगवान गणेश ने महाभारत ग्रंथ लिखना शुरू किया थाऔर इसी दिन महाभारत की लड़ाई खत्म हुई।

५) भविष्य पुराण के अनुसार सतयुग, त्रेता और कलयुग का आरंभ अक्षय तृतीया तिथि को हुआ और द्वापर युग की समाप्ति भी इसी तिथि को हुई थी.

६) मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही पांडव पुत्र युधिष्ठर को अक्षय पात्र की प्राप्ति भी हुई थी। इसकी विशेषता यह थी कि इसमें कभी भी भोजन समाप्त नहीं होता था।

७ ) माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन नर-नारायण ने भी अवतार लिया था. नर-नारायण भगवान विष्णु के चौबीस अवतारों में से चौथे अवतार थे । इस अवतार में विष्णु जी ने नर और नारायण रूप में जुड़वाँ संतों के रूप में अवतार लिया था ।

अब जानते हैं की अक्षय तृतीया के दिन क्या करें

१) अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए।
२) अगर आपने साल भर कोई भी दान नहीं किया है तो अक्षय तृतीया के दिन विष्णु भगवान और अपने पितरों के लिए दान-पुण्य करें।

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